MOKAJI TV NEWS : कनाडा ने 2025 में भारतीय छात्रों के स्टूडेंट वीजा आवेदन (student visas) के स्वीकार होने की दर में काफी गिरावट देखी है — कुछ समाचार स्रोतों के मुताबिक करीब 80% वीजा आवेदन अस्वीकृत हुए हैं।
लेकिन ” वीजा बंद” होने की बात अभी लगती है अतिरेक — यानि कि यह कहना कि कनाडा के दरवाजे पूरी तरह से बंद हो गए हैं, वो सही नहीं होगा। नीचे वजहें व क्या जानकारी मिल रही है, वो दे रहा हूँ:
क्या सच है? क्या नहीं?
सच की बातें:
- वीजा रिजेक्शन दर में वृद्धि
IRCC (Immigration, Refugees and Citizenship Canada) के आंकड़ों को लेकर कहा जा रहा है कि इस साल भारतीय छात्रों के वीज़ा आवेदन अस्वीकृत होने की दर बहुत ज़्यादा है — लगभग 80% तक। - स्टडी परमिट (Study Permit) जारी करने की संख्या में गिरावट
पिछले समय में पहले की तुलना में परमिटों की संख्या में कमी देखी जा रही है। - नियमों में कड़ाई
वीजा प्रोसेसिंग, दस्तावेज़ों की जांच, समय सीमाएँ आदि मामलों में कनाडा सरकार ने कुछ नई नीतियाँ लागू की हैं ताकि प्रक्रिया अधिक सख्त हो सके।
लेकिन ये बातें पूरी तरह से “दरवाजे बंद हो गए हैं” से मेल नहीं खाती:
- “80% रिजेक्शन” का आंकड़ा समाचार रिपोर्टों में है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि ये सभी वीजा आवेदन किन श्रेणियों के हैं — क्या ये सिर्फ नए स्टडी परमिट हैं, या रिन्यूअल के आवेदन भी शामिल हैं, या कॉलेज / यूनिवर्सिटी लेवल प्रोग्राम और स्तर के विभिन्न applicants शामिल हैं।
- कुछ रिपोर्टों में बताया गया है कि आवेदन की संख्या घटी है, लेकिन “पूरी तरह से बंद” नहीं हुआ है। कुछ छात्रों को वीज़ा मिल रहे हैं, प्रक्रिया अभी भी जारी है।
- इसके अतिरिक्त, राजनीतिक और राजनयिक तनाव, आव्रजन नीति में बदलाव, विस्थापन और देश की आंतरिक नीतियाँ — ये भी प्रभावित कर रहे हैं। जैसे कि भारत-कनाडा विवादों का प्रभाव बताया जा रहा है।
संभावित कारण
यह कुछ कारणों की सूची है जिनके चलते ये बदलाव दिखे हैं:
- फर्जी दस्तावेजों का उपयोग, प्रदत्त जानकारी की विश्वसनीयता इत्यादि मामलों पर कनाडा सरकार द्वारा सख्ती।
- आवास, स्वास्थ्य सेवा, और संसाधनों पर दबाव — बढ़ती मांग के बीच जो व्यवस्थाएँ हैं, उनकी चिंता की जा रही है।
- नीति परिवर्तन — प्रवेश परमिट (permits) की संख्या को नियंत्रित करने के प्रयास, समय सीमाएँ, आवेदन प्रक्रिया की शर्तें कड़ी करना।
- राजनयिक तनाव — भारत और कनाडा के बीच विवादों का प्रभाव भी देखा जा रहा है, जिससे छात्रों की प्रवृत्ति अन्य देशों की ओर बढ़ रही है।
निष्कर्ष
तो कुल मिलाकर — हाँ, कनाडा के स्टूडेंट वीज़ा मामलों में भारी बाधाएँ आ रही हैं, और “छात्रों के लिए आसान रास्ता” पहले जैसा नहीं रहा। लेकिन “दरवाजे पूरी तरह बंद हो गए हैं” कहना अभी थोड़ा ज़्यादा होगा।

Author: MOKAJI TV
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