नीचे नेपाल में हाल ही में जनरेशन Z (Gen Z) द्वारा किए गए आंदोलन व विरोध की एक न्यूज़ रिपोर्ट है: MOKAJI TV
नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवा विद्रोह
क्या हुआ?
- नेपाल सरकार ने 4 सितंबर, 2025 को लगभग 26 सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को बंद करने का निर्णय लिया क्योंकि ये प्लेटफार्म आंशिक रूप से या पूरी तरह से सरकारी पंजीकरण (registration) नहीं कराये गए थे।
- इस निर्णय के बाद नेपाल की युवा पीढ़ी, विशेषकर Gen Z, सोशल मीडिया प्रतिबंध, सरकारी भ्रष्टाचार, और नेपोटिज्म (nepotism) के खिलाफ सड़कों पर उतर आए।
कौन हैं मंच संचालक?
- आंदोलन की अगुवाई “Hami Nepal” नामक NGO कर रही है। यह संगठन पहले आपदा प्रबंधन और नागरिक मुद्दों से जुड़ा हुआ था।
- इस आंदोलन में छात्र और युवा मुख्य रूप से शामिल हैं; कई छात्र स्कूल/कॉलेज की यूनिफॉर्म में सड़कों पर उतरे।
विरोध की स्वरूप और घटनाएँ
- विरोध-प्रदर्शन की शुरुआत सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स से हुई, लेकिन जल्दी ही ये सड़कों पर आए और कई स्थानों पर हिंसक हो गए।
- स्थानीय प्रशासन ने कैफे बंदी (curfew) लगाया; पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वाटर कैनन, रबर बुलेट्स और कुछ मामलों में गोली चलाने का आदेश दिया गया।
- परिणामस्वरूप कम से कम 19 लोग मारे गए, और कई घायल हुए।
सरकार की प्रतिक्रिया
- सरकार ने विरोध और हिंसा को देखते हुए सोशल मीडिया प्रतिबंध को वापस ले लिया।
- कुछ मंत्री और अधिकारी इस्तीफा दे गए। उदाहरण के लिए, होम मिनिस्टर ने “नैतिक उत्तरदायित्व” लेते हुए इस्तीफा दे दिया।
- सरकार ने घायल लोगों के इलाज और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की बात कही है, साथ ही एक जांच आयोग बनाने का प्रस्ताव है जिससे हिंसा और अन्यथा हुई घटनाओं की समीक्षा हो सके।
युवाओं की माँगें और आंदोलन की विशिष्टताएँ
- युवा चाहते हैं कि सरकार पारदर्शिता बढ़ाए, भ्रष्टाचार को समाप्त करे, और नेपोटिज्म पर कार्रवाई हो।
- “नेपो किड्स” (nepo kids) जैसा ट्रेंड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जहाँ राजनेताओं और शक्तिशाली लोगों के बच्चों की विलासिता पर सवाल उठाए गए।
- आंदोलन की शुरुआत शांति पूर्ण थी, लेकिन कुछ जगहों पर हिंसा हुई — पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष हुआ।
ठीक है 🙂
मैं आपको नेपाल में Gen Z आंदोलन के संभावित नतीजे, राजनीतिक बदलाव और युवाओं की प्रतिक्रिया विस्तार से बताता हूँ:
नेपाल में Gen Z आंदोलन के परिणाम और असर
1. राजनीतिक असर
- इस आंदोलन ने सरकार को बड़ा झटका दिया।
- प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली पर इस्तीफ़े का दबाव बना, और उनकी लोकप्रियता पर सीधा असर पड़ा।
- कई मंत्री पहले ही नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफ़ा दे चुके थे।
- विपक्षी दलों को भी युवा समर्थन मिलने लगा है, जिससे आने वाले चुनावों में युवा वोट निर्णायक हो सकते हैं।
2. नीतिगत बदलाव
- सरकार ने सोशल मीडिया प्रतिबंध हटाया।
- अब संभावना है कि सरकार युवाओं के सुझाव के आधार पर नए डिजिटल पॉलिसी और एंटी-करप्शन कानून ला सकती है।
- “नेपो किड्स” विवाद के बाद राजनीतिक दलों पर दबाव बढ़ा है कि वे परिवारवाद और भाई-भतीजावाद (nepotism) पर रोक लगाएँ।
3. युवाओं की शक्ति और प्रतिक्रिया
- यह आंदोलन साबित करता है कि नेपाल की Gen Z केवल सोशल मीडिया एक्टिव नहीं है बल्कि सड़कों पर उतरकर बदलाव लाने में सक्षम है।
- युवाओं ने दिखाया कि वे सिर्फ़ पढ़ाई या नौकरी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि राजनीति और नीति-निर्माण में भी दखल चाहते हैं।
- नेपाल के छात्र और युवा अब अधिक संगठित और जागरूक हो गए हैं — यह आने वाले समय में बड़ा राजनीतिक दबाव समूह बन सकता है।
- 4. भविष्य की दिशा
- अगर सरकार युवाओं की बात सुनेगी, तो नेपाल में एक नई राजनीतिक संस्कृति की शुरुआत हो सकती है, जहाँ पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर होगा।
- अगर सरकार अनदेखी करती है, तो यह आंदोलन आगे और बड़ा जनांदोलन बन सकता है।
- आने वाले चुनावों में Gen Z की भूमिका निर्णायक होगी क्योंकि वे वोटर लिस्ट में बड़ी संख्या में शामिल हो चुके हैं।

Author: MOKAJI TV
I am Moti Singh Rathore Founder/CEO DIRECTOR/ Editor in chief of Mokaji Media Entertainment Pvt Ltd Company. Our Media Company run Media business with online News Portal "MOKAJI TV".