MOKAJI TV मुंबई 8 अगस्त 2025 मनोज सिंह यादव
भारत और अमेरिका के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर पहले 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, लेकिन इसके बाद 25 प्रतिशत और टैरिफ लगा दिया. इस तरह कुल 50 प्रतिशत टैरिफ हो गया. ट्रंप से पत्रकारों ने भारत से बातचीत को लेकर सवाल किया. रॉयटर्स के मुताबिक इसके जवाब में ट्रंप ने सख्त रवैया दिखाते हुए कहा कि मसला हल होने तक कोई बातचीत नहीं होगी.
अमेरिका भारत पर ट्रेड टैरिफ का दबाव बढ़ा रहा है
MOKAJI TV न्यूज़ | मुंबई से मनोज सिंह यादव की रिपोर्ट
मुंबई, 08 अगस्त 2025:
भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक रिश्तों में फिर से हलचल देखने को मिल रही है। इस बार मुद्दा है आयात शुल्क यानी ट्रेड टैरिफ का, जिस पर अमेरिका भारत से बार-बार रियायतें मांग रहा है। लेकिन भारत भी अपने घरेलू उद्योगों और किसानों की सुरक्षा के नाम पर झुकने को तैयार नहीं दिख रहा।
क्या है मामला?
हाल ही में वॉशिंगटन में हुई द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के दौरान अमेरिका ने भारत से मांग की है कि वह इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइसेज़, और कृषि उत्पादों पर लगे आयात शुल्क को कम करे।
अमेरिका का तर्क है कि भारतीय बाज़ार में अमेरिकी कंपनियों को बराबरी का अवसर नहीं मिल रहा, जबकि अमेरिकी बाजार भारत के लिए खुला हुआ है।
भारत, जो आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे रहा है, इन मांगों को ‘अनुचित दबाव’ के रूप में देख रहा है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने के पक्ष में है, लेकिन किसी भी ऐसी शर्त को स्वीकार नहीं किया जाएगा जो भारतीय उद्योगों, किसानों या छोटे व्यापारियों के हितों को नुकसान पहुंचाए।
वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया:
“हम अमेरिका के साथ सौहार्दपूर्ण और संतुलित व्यापारिक रिश्ते बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन किसी भी दबाव की राजनीति को स्वीकार नहीं किया जाएगा।“
राजनीतिक और कूटनीतिक पहलू
विश्लेषकों का मानना है कि यह दबाव अमेरिका की आगामी राष्ट्रपति चुनाव रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है। अमेरिकी नेतृत्व घरेलू उत्पादन और नौकरी के मुद्दे पर ज़ोर दे रहा है और भारत जैसे देशों के साथ ट्रेड घाटे को एक बड़ा मुद्दा बना रहा है।
भारत को 2024 में G20 अध्यक्षता के दौरान अमेरिका से अच्छे सहयोग की उम्मीद थी, लेकिन अब यह व्यापारिक तनाव नई चुनौती बनकर सामने आ रहा है।
व्यापारी और उद्योग जगत की चिंता
भारतीय टेक्नोलॉजी, ऑटो और फार्मा कंपनियों को डर है कि यदि भारत दबाव में आकर टैरिफ में कटौती करता है, तो चीनी और अमेरिकी कंपनियों को खुला फायदा मिलेगा और देश का घरेलू उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
FICCI और CII जैसे उद्योग संगठन सरकार से अपील कर रहे हैं कि वह “देशहित को प्राथमिकता” दे और किसी भी व्यापार समझौते से पहले उद्योगों की सलाह ले।
क्या हो सकता है आगे का रास्ता?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और अमेरिका के बीच अब अगली बातचीत अक्टूबर में होने वाली है।
हो सकता है कि भारत कुछ क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग और निवेश के बदले कुछ टैरिफ रियायतें देने पर विचार करे, लेकिन सार्वभौमिक नीतियों में बदलाव की संभावना कम ही है।
निष्कर्ष
भारत-अमेरिका के बीच यह ट्रेड विवाद केवल आर्थिक नहीं, बल्कि कूटनीतिक और रणनीतिक संतुलन का भी मामला बन चुका है।
MOKAJI TV न्यूज़ इस मुद्दे पर लगातार नज़र रखे हुए है। जैसे ही आगे कोई बड़ा अपडेट आता है, हम आपको सबसे पहले जानकारी देंगे।

Author: MOKAJI TV
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