फसल बीमा क्लेम में गड़बड़ी की हो जांच – भारतीय किसान संघ की मांग

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नोहर।
भारतीय किसान संघ खुईया ने उप तहसील खुईया क्षेत्र में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत वर्ष 2023-24 और 2024-25 की रबी व खरीफ फसलों में बड़े घोटाले का आरोप लगाते हुए कृषि मंत्री को ज्ञापन भेजकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

संघ अध्यक्ष बेगराज शर्मा के नेतृत्व में भेजे गए ज्ञापन में बताया गया कि बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों, पटवारियों और अन्य कर्मचारियों ने आपसी मिलीभगत से फसल बुआई से पहले ही कुछ किसानों से संपर्क कर लिया था। उन्हें बताया गया कि आगामी सीजन में किन फसलों में खराबा दिखाया जाएगा और कितना क्लेम मिलेगा।

ज्ञापन के अनुसार, चुनिंदा किसानों को सलाह दी गई कि वे तय की गई फसलों का ही बीमा कराएं, जिससे क्लेम राशि अधिक मिल सके। आरोप है कि क्लेम राशि में बीमा कंपनी प्रतिनिधि, पटवारी और अन्य कार्मिकों ने 40 प्रतिशत हिस्सा तय कर लिया था।

संघ ने कहा कि प्रत्येक ग्राम में केवल 50 से 60 किसानों को ही बीमा राशि का लाभ दिया गया, जबकि बाकी वास्तविक किसान वंचित रह गए। रैंडम खसरा नंबर मिलने के बाद क्रॉप कटिंग प्रयोग में भी गड़बड़ी की गई, जिससे अधिकारियों ने मनमाने तरीके से खराबा दिखाकर क्लेम राशि बांट दी।

किसानों का कहना है कि भोले-भाले किसान इस हेराफेरी को समझ ही नहीं पाए क्योंकि कार्मिक उनसे फॉर्म पर हस्ताक्षर करवा लेते थे और बाद में आंकड़े बदल देते थे।

ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि इस प्रक्रिया से कार्मिकों ने करोड़ों रुपये हजम कर लिए और आज तक उन्हीं लोगों को बीमा क्लेम मिल रहा है जो संबंधित कार्मिकों के संपर्क में हैं।

भारतीय किसान संघ ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसानों के हक के साथ कोई खिलवाड़ न हो।

फसल बीमा क्लेम में गड़बड़ी की हो जांच
भारतीय किसान संघ ने लिखा पत्र
नोहर. भारतीय किसान संघ खुईया ने कृषि मंत्री को ज्ञापन भेज उप तहसील खुईया में पीएमएफबीवाई वर्ष 2023-24 व 2024-25 रबी व खरीफ में घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। भाकिसं खुईया अध्यक्ष बेगराज शर्मा के नेतृत्व में भेजे ज्ञापन में बताया गया कि वर्ष 2023 से 2025 तक रबी व खरीफ फसलों में बीमा कंपनी प्रतिनिधि, पटवारियों व अन्य कर्मचारियों ने मिलभगत कर फसल बुआई से पहले ही चिह्नित किसानों से
प्रत्येक गांवों में गुप्त रुप से संपर्क कर आगामी सीजन में किस फसल में खराबा दिखाया जाएगा और कितना क्लेम मिलेगा, इसकी जानकारी साझा कर ली थी। चिह्नित किसानों को बताया गया कि तय फसलों का ही बीमा कराना, जिससे क्लेम राशि भरपूर आएगी। आरोप है कि क्लेम राशि में बीमा कंपनी प्रतिनिधि, पटवारियों व अन्य कार्मिकों ने अपना चालीस प्रतिशत हिस्सा लेना तय किया था।
इस तरह प्रत्येक ग्राम में लगभग पचास से साठ चुनिंदा लोगों को ही बीमा राशि का लाभ दिलाया गया। वहीं अन्य गांवों के वास्तविक किसान
बीमा क्लेम राशि से वंचित रह गए। इसमें रेंडम खसरा नंबर मिलने के बाद क्रोप कटिंग प्रयोग में गड़बड़ी कर उक्त कार्मिक अपने हिसाब से खराबा दिखा देते हैं। इस कारण भोले-भाले किसान को इस गड़बड़ी के बारे में जानकारी नहीं होती है।
कार्मिक किसान से क्रोप कटिंग प्रयोग फार्म पर हस्ताक्षर करवा कर अपना काम पक्का कर लेते हैं।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि कार्मिकों ने करोड़ों रुपए हजम कर लिए।
प्रत्येक गांव में वर्ष 2023 से आज तक उन्हीं लोगों का बीमा क्लेम आया है जो उक्त कार्मिकों के संपर्क में हैं।
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Author: MOKAJI TV

I am Moti Singh Rathore Founder/CEO DIRECTOR/ Editor in chief of Mokaji Media Entertainment Pvt Ltd Company. Our Media Company run Media business with online News Portal "MOKAJI TV".

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